उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में रानीगंज विधान सभा सीट से बीजेपी के विधायक अभय कुमार उर्फ धीरज ओझा वोटर लिस्ट में बड़ी धांधली का आरोप लगा डीएम कार्यालय पर धरने में बैठे हैं. इस दौरान विधायक ने गुस्से में अपना कुर्ता फाड़ डाला और फिर से जमीन पर धरने पर बैठ गए. एसपी और डीएम के आने के बाद अंदर करीब 15 मिनट तक चैंबर में हाई वोल्टेज ड्रामा चला. इसके बाद बीजेपी विधायक चैंबर से बाहर निकले तो शरीर पर कपड़े नहीं थे.
उन्होंने आरोप लगाया कि एसपी ने उनकी पिटाई की. उन्हें मारा-पीटा और उन्हें धमकाया भी इसके बाद से डीएम आवास पर विधायक के कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ पड़ी. हालांकि डीएम विधायक धीरज ओझा को लेकर फिर से अंदर चैंबर में चले गए. विधायक का आरोप है कि कुछ ऐसे लोग हैं जिनके खिलाफ गुंडा एक्ट सहित कई मुकदमे हैं, फिर भी डीएम ने चुनाव को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने ऐसे लोगों के बारे में सूचना दी इसके बाद भी प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया. इसके साथ ही बहुत से ऐसे लोगों का नाम वोटर लिस्ट में नहीं आ सका, जो पात्र मतदाता हैं. उन्होंने डीएम को ऐसे पात्रों की सूची दी थी, पर प्रशासन ने उस पर कदम नहीं उठाया.
SP ने आरोपों को किया खारिज
विधायक के धरने पर बैठ जाने से राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारे में खलबली मच गई. पहले डीएम की ओर से एडीएम शत्रोहन वैश्य ने विधायक धीरज को उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने, उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर त्वरित कार्रवाई नहीं होती, वह धरने पर बैठे रहेंगे. उसी समय डीएम के साथ एसपी आकाश तोमर आ गए. उन्होंने विधायक के धरने को अनुचित करार दिया तो विधायक और एसपी में तीखी बहस होने लगी. एसपी प्रतापगढ़ ने कहा कि विधायक डीएम आवास पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाकर उनके खिलाफ धरने पर बैठे थे. जब मैनें दुर्व्यवहार करने से मना किया गया तो कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर झूठा आरोप लगा रहे हैं. एसपी ने कहा कि इस पूरे मामले से पुलिस का कोई संबंध नहीं है.