विदेश दौरे से देर रात लौटने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी आज सुबह-सुबह ही सीधे अपने दिवंगत दोस्त अरुण जेटली के घर पहुंचे तथा अपने प्यारे दोस्त को श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने जेटली की तस्वीर पर फूल चढ़ाए तथा उनकी आत्मिक शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की. जेटली जी के घर पहुँचते ही पीएम मोदी भावुक हो गये तथा उनकी आँखें नम हो गईं. इस दौरान पीएम मोदी जेटली की तस्वीर के सामने बैठकर उन्हें एकटक होकर देखते रहे.
जिस समय पीएम मोदी जेटली की तस्वीर के सामने बैठकर उन्हें निहारे जा रहे थे, वो पल किसी को भी भावुक करने वाला था. जेटली जी की तस्वीर के साथ हाथ जोड़कर बैठे पीएम मोदी की तस्वीर साफ़ बता रही थी कि उनके देहावसान का मोदी जी को कितना दुख है तथा वह उनके लिए कितना महत्व रखते थे. गृहमंत्री अमित शाह भी पीएम मोदी के साथ जेटली जी के घर गये थे तथा उनके परिजनों को सांत्वना दी.
पीएम ने जेटली के कैलाश कॉलोनी स्थित आवास पहुंचकर उनकी पत्नी संगीता जेटली, पुत्री सोनाली जेटली और बेटे रोहन जेटली से बात की तथा उनको ढाढ़स बंधाया. बता दें कि पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को लंबी बीमारी के बाद एम्स में निधन हो गया था. जेटली के निधन के वक्त पीएम बहरीन में थे. तब पीएम मोदी ने अरुण जेटली की पत्नी संगीता जेटली और बेटे रोहन जेटली से फोन पर बात की थी. इस बातचीत के दौरान ही संगीता जेटली तथा रोहन ने पीएम मोदी से अपना दौरा जारी रखने के लिए कहा था तथा राष्ट्रहित के कार्य पूर्ण करने को कहा था.
इसके बाद बहरीन में भारतीय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी जेटली जी को याद कर भावुक हो गये थे तथा कहा था कि आज मेरा दोस्त अरुण चला गया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”एक तरफ बहरीन उत्साह और उमंग से भरा हुआ है. देश कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मना रहा है. उसी वक्त मैं अपने भीतर गहरा शोक, गहरा दर्द दबाकर आपके बीच खड़ा हूं. विद्यार्थी काल से जिस दोस्त के साथ मिलकर चले, राजनीतिक यात्रा साथ-साथ चली. हर पल एक दूसरे के साथ जुड़े रहना, साथ मिलकर सपनों को सजाना, सपनों को निभाना, ऐसा लंबा सफर जिस दोस्त के साथ तय किया, वह भारत का पूर्व रक्षामंत्री, पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली आज ही अपना देह छोड़ दिया.” मोदी ने भाजपा में उनके योगदान को भी याद किया.
पीएम ने आगे कहा, ”मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं कि मैं इतना दूर यहां बैठा हूं और मेरा दोस्त चला गया. एक भारी व्यथा दुख के साथ. ये अगस्त महीना…कुछ दिन पहले हमारी पूर्व विदेश मंत्री बहन सुषमा जी चलीं गईं. आज मेरा दोस्त अरुण चला गया. मेरे सामने दुविधा का पल है. एक तरफ कर्तव्य भाव से बंधा हूं, दूसरी तरफ दोस्ती का सिलसिला भावनाओं से भरा हुआ है. मैं आज बहरीन की धरती से भाई अरुण को नमन करता हूं. इस दुख की घड़ी में भगवान उनके परिवारवालों को शक्ति दें, मैं इसकी कामना करता हूं.”