ये घटना इस्लामिक मुल्क पाकिस्तान की है जहाँ 12 वर्ष्यी नाबालिग ईसाई बच्ची को 45 वर्षीय मुसलमान ने बंदी बना लिया तथा इस दौरान उसका यौन शोषण किया व अंतहीन प्रातड़नाएँ दीं. द टेलीग्राफ के मुताबिक़, लड़की पाँच माह तक 45 वर्षीय मुस्लिम आदमी के कब्जे में थी. इस आदमी ने कुछ समय पहले पीड़िता का अपहरण करके उसका बलात्कार किया और फिर उसपर निकाह का दबाव बना रहा था.
जानकारी के मुताबिक़, फिलहाल पुलिस ने बच्ची को आरोपी के कब्जे से छुड़ा लिया है. आरोपी नाबालिग के साथ बलात्कार तो करता ही था, साथ ही पूरे पूरे दिन काम करवाता था और बाद में जानवरों का मल साफ करवाता था. जब पुलिस ने फैसलाबाद से बच्ची को पिछले माह बचाया तब उसके पैरों में बेड़ियों के निशान थे. नाबालिग के परिजनों का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में कई दफा पुलिस में शिकायत की, लेकिन हर बार पुलिस में उनकी सुनवाई नहीं हुई.
बाद में इस मामले को क्रिश्चियन संस्था ने उठाया जिनका दावा है कि पाकिस्तान में हर साल सैंकड़ों ईसाई व हिंदू लड़कियों का अपहरण होता है और जबरन उनसे इस्लाम कबूल करवाया जाता है. पीड़िता के पिता के मुताबिक़, उनकी बेटी मुझे बताया कि उसके साथ नौकरों जैसा बर्ताव होता था. उससे पूरे दिन काम करवाया जाता था. तबेला साफ करवाया जाता था. 24 घंटे उसे बेड़ियों में बाँधे रखा जाता था.
डेलीमेल की रिपोर्ट के अनुसार, लड़की का अपहरण पिछले वर्ष 12 जून को हुआ था. इसके बाद उसका कई बार बलात्कार हुआ. परिवार ने शिकायतें की, पर सितंबर तक इस मामले में पुलिस ने कोई रिपोर्ट दायर नहीं की. बदले में धमकी अलग दी गई कि अगर ज्यादा कुछ कहा तो ईशनिंदा का आरोप लगा दिया जाएगा.
पीड़िता के पिता ने पिछले दिनों उस मेडिकल रिपोर्ट की आलोचना भी की थी, जिसमें उनकी बेटी को 16-17 साल की कहा गया था जबकि वास्तविकता में उसके जन्म प्रमाण पर वह 12 साल की थी. जाहिर है इतनी कम उम्र में इतने अत्याचार झेलने के बाद लड़की भीतर से टूट चुकी है. उसे बेड़ियों से आजाद कराने के बाद अलग देख रेख में रखा गया है.